श्रद्धा का आकाश: जगन्नाथ मंदिर
जगन्नाथ मंदिर पुरी में स्थित एक अद्भुत धार्मिक स्थल है, जहाँ आस्था और भक्ति का संगम होता है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है, और इसकी भव्यता दूर से ही मन मोह लेती है।
मंदिर का इतिहास 12वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने इसका निर्माण कराया। यह स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें पत्थर की नक्काशी और विशाल शिखर शामिल हैं।
रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर का सबसे प्रसिद्ध उत्सव है, जिसमें तीन विशाल रथों में देवताओं को नगर भ्रमण कराया जाता है। लाखों भक्त इस अद्भुत दृश्य को देखने आते हैं।
मंदिर के भीतर महाप्रसाद का वितरण होता है, जिसे 'अन्न' के रूप में भगवान को अर्पित कर भक्तों में बांटा जाता है। यह प्रसाद सभी के लिए समान होता है, चाहे जाति या वर्ग कोई भी हो।
जगन्नाथ मंदिर की मान्यता है कि यहाँ भगवान स्वयं भक्तों से मिलने आते हैं। यह स्थान आस्था, समानता और प्रेम का प्रतीक है, जो हर आगंतुक को आध्यात्मिक शांति देता है।
पुरी का यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर भी है। यहाँ की परंपराएँ पीढ़ियों से चली आ रही हैं, जो भारतीय संस्कृति की आत्मा को दर्शाती हैं।
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